एजेंसी के मुताबिक, पार्टी सूत्रों ने बताया- उद्धव ने बुधवार को रामजन्म भूमि ट्रस्ट के प्रमुख जनमेजय शरणजी महाराज से पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की थी। इस दौरान शरणजी महाराज ने उद्धव को अयोध्या आने का न्योता दिया। ट्रस्ट मंदिर निर्माण में शिवसेना की मदद चाहता है।
भाजपा जब सत्ता में आई थी तब पार्टी ने जनता से तीन वादे किए थे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा 370 हटाएगी और कश्मीर समस्या को हल करेगी। मोदी सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं। लेकिन अभी निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया। यह मामला अभी भी कोर्ट में है। बाबरी मस्जिद गिराने की कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा था। उस वक्त शिवसेना के संस्थापक बालासाहब ठाकरे ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।उद्धव ने अयोध्या और वाराणसी जाने की जताई थी इच्छा
शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी है। हाल ही में उद्धव ने कहा था कि भाजपा एक बार फिर 2019 में राम मंदिर मुद्दे को उठाएगी। उन्होंने अयोध्या के दर्शन करने और वाराणसी में गंगा आरती करने की इच्छा 'सामना' में प्रकाशित अपने इंटरव्यू में जताई थी। इसके बाद शिवसेना ने मुंबई में 'चलो अयोध्या, चलो वाराणसी' के पोस्टर भी लगाए थे।
चुनाव पास आते फिर उठा राममंदिर मुद्दा
2019 में आम चुनाव हैं। 2014 में राममंदिर निर्माण को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने वाली भाजपा और संघ ने एक फिर इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत 15 दिनों के भीतर दो बार अयोध्या में राममंदिर निर्माण की बात कर चुके हैं। उनके अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी, दोनों उप-मुख्यमंत्री समेत नौ मंत्री और केंद्र सरकार के तीन मंत्री मंदिर निर्माण को लेकर बयान दे चुके हैं।
1993 में बालासाहेब ठाकरे ने कहा था- बाबरी गिरना गौरव की बात
बालासाहेब ठाकरे ने बाबरी मस्जिद गिरने के बाद इंटरव्यू में कहा था - बाबरी मस्जिद गिरना गौरव की बात थी, शर्म की नहीं। मंदिर मस्जिद के नीचे था। हम मंदिर को ऊपर ले आए। आप इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा, भारत में बाबर या जितने मुस्लिम शासक आए, उन्होंने हमारे सारे मंदिर गिरा दिए और मस्जिद बना दिए। हमारा कर्तव्य है कि ऐसी मस्जिदों को गिराकर मंदिरों को ऊपर लाया जाए।
कांग्रेस ने भी बदली रणनीति
खुद को सेक्यूलर कहने वाली कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी रणनीति को लेकर बदलाव किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हालही के दौरों पर राम भक्त और शिवभक्त राहुल के पोस्टर भी देखे गए हैं। राहुल 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर भी गए थे।
कांग्रेस ने गुरुवार को भाजपा और संघ कलयुगी कैकेयी बताया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को चुनाव के पहले तो राम की याद रहती है। लेकिन चुनाव के बाद उन्हें वनवास भेज देती है।
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